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तू आभौ / संजय आचार्य वरुण
Kavita Kosh से
तूं एक आकास हो
मतलब आभो
घणो लांबो चवड़ो
अणूतो फैलाव लियोड़ो
जठीनै देखां
बठीनै तूं, फगत तूं
म्हैं थनैं देख देख’र
करतो अचूंभो
आज भी हुवै
घणो इचरज
कै इतरी बडी चीज नैं
बणावण वाळो
आप कितरो बडो हुसी
कुण जाणै....?