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दगा / तेनजिन त्सुंदे
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हमारे घर,
हमारे गाँव, हमारे देश को बचाने की कोशिश में
मेरे पिता ने अपनी जान गँवाई,
मैं भी लडऩा चहता था,
लेकिन हम लोग बौद्ध हैं,
शान्तिप्रिय और अहिंसक,
सो मैं क्षमा करता हूँ अपने शत्रु को,
लेकिन कभी-कभी मुझे लगता है
मैंने दगा दिया अपने पिता को ।