दर्द पुराना है अपने घर
एक खज़ाना है अपने घर
घर में सब कुछ तो अपना है
क्या अपनाना है अपने घर
दुनिया को अपनाने वाला
ख़ुद बेगाना है अपने घर
ख़ुद को बाहर भी देखा है
पर पहचाना है अपने घर
अब तो ख़ुद को देखे-भाले
उसको जाना है अपने घर