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दादै पोतै रो रिस्तो / मनोज चारण 'कुमार'

तूं
ध्यान राखजे
म्हारो अर थारो सीर न्यारो है,
तूं म्हारो ब्याज है बावल़ा पोता,
मनै मूल़ सूं भी प्यारो है।
पोतीयो बोल्यो
दा'जी
आज थानै म्हूं जियां प्यारो हूं,
बिंया इज
थे म्हारै मन रा बेली हो,
थांसू कै सकूं मन री बात,
थानै बता सकूं सारा जजबात,
थे म्हारै जीवण री जङां हो,
अर जङ बिन्या रूंख किंया पल़ै,
दा'जी
थारी-म्हारी प्रीत
रो तोङ,
दूजोङै रिश्तां सूं किंया मिल़ै।
किंया मिल़ै।।