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दिल शाहजहानपुरी / हुस्ने-नज़र / रतन पंडोरवी
Kavita Kosh से
मेरे हल्का-ए-एहबाब में जो लोग मुझ से मशवरे-सुख़न करते हैं क़रीब पांच सौ के होंगे। इस फेहरिस्त में खुसूसियत के साथ आप का नाम है। आप का खुलूस और आप की शेवा बयानी आप के रौशन मुस्तक़बिल की दलील है।