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दीदी / बालस्वरूप राही
Kavita Kosh से
दीदी के जिम्मे दो भाई,
दीदी दी तो शामत आई।
दोनों छोटे चंचल,
करते रहते हाथापाई।
तोड़-फोड़ करते जब दोनों,
दीदी उनकी करे पिटाई।