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दुनियादारी / कुंदन माली
Kavita Kosh से
नूंवो नूंवो जमानो
मरूथल़ चालै नाव
नूंवो नूंवो जमानो
बसै कागजां गाँव
नूंवो नूंवो जमानो
पड़ै हथेलि़यां घाव
नूंवो नूंवौ जमानो
पगथलि़यां में बाव
नूंवो नूंवौ जमायो
आड़ो डोढ़ी चाल
नूंवो नूंवो जमाना
मांडा बीच धमाल
नूंवो नूंवो जमानो
अबखो मनभोल़ाव
नूंवो नूंवो जमानो
हरिचंद बारै भाव
नूंवो नूंवो जमानो
संगत पांखै न्याव
नूंवो नूं वो जमानो
किसी ठौड़ अब जाव
नूंवो नूंवो जमानो
खाटा मीठा हाल
नूंवो नूंवो जमानो
बुगला राखै ढाल़