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दुनिया को बोलती-बतियाती / अरुणा राय

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दुनिया को
बोलती-बतियाती,
घूमती-फिरती,
हंसती-ठहहाती,
बूझती-समझती,
चलती-उडती,
सजती-सवरती,
गुनती-बुनती,
नकारती-फुफकारती
औरतें चुभती हैं!