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दूब के सुतार / रामरक्षा मिश्र विमल
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टनटनात माथ
जहर लागेला घाम
हाय राम
एहू पर दूब के सुतार।
रउँदेले सुबह शाम
घुमवइया लोग
बकरी लगावेलिन
ठाकुर के भोग
तबहूँ ना कवनो गोहार
हाय राम
कइसन ई ममता दुलार।
बीछे बनिहारिन
बेमोह भरल खेत
खुरपी ले घूमे
दुगोड़ा परेत
सहि जाले सभकर प्रहार
हाय राम
धीरज के कवनो ना पार।