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दोसरोॅ सच-2 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

गिलहरी नें
गिलहरनीं सें कहलकै
जंगल सें गुजरैत आदमी
बैच के निकैल जाय छै
हिंसक जानवर के
घात लगैला सें भी
मुदा आदमी के घात सें
नै बैच पारै छै आदमी।