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धरती धोरां री / कन्हैया लाल सेठिया

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धरती धोरां री,

आ तो सुरगां नै सरमावै,
ईं पर देव रमण नै आवै,
ईं रो जस नर नारी गावै,
धरती धोरां री!

सूरज कण कण नै चमकावै,
चन्दो इमरत रस बरसावै,
तारा निछरावळ कर ज्यावै,
धरती धोरां री !


काळा बादळिया घहरावै,
बिरखा घूघरिया घमकावै,
बिजळी डरती ओला खावै,
धरती धोरां री!

लुळ लुळ बाजरियो लैरावै,
मकी झालो दे’र बुलावै,
कुदरत दोन्यूं हाथ लुटावै,
धरती धोरां री!

पंछी मंधरा मधरा बोलै,
मिसरी मीठै सुर स्यूं घोळै,
झीणूं बायरियो पंपोळै,
धरती धोरां री !

नारा नागौरी हिद ताता,
मदुआ ऊंट अणूंता खाथा !
ईं रै घोड़ा री के बातां ?
धरती धोरां री !

ई रा फळ फुलड़ा मन भावण,
ईं रै धीणो आंगण आंगण,
बाजै सगळां स्यूं बड़ भागण,
धरती धोरां री !

ईं री चितौड़ो गढ़ लूंठो,
ओ तो रण वीरां रा खूंटो,
ईं रो जोधाणूं नौ कूंटो,
धरती धोरां री !

आबू आभै रै परवाणैं,
लूणी गंगाजी ही जाणै,
ऊभो जयसलमेर सिंवाणै,
धरती धोरां री !

ईं रो बीकाणूं गरबीलो,
ईं रो अलवर जबर हठीलो,
ईं रो अजयमेर भड़कीलो,
धरती धोरा री  !

जैपर नगरयां में पटराणी,
कोटा बूंदी कद अणजणी ?
चम्बल कैवै आं री का’णी,
धरती धोरां री !

कोनी नांव भरतपुर छोटो,
घूम्यो सूरजमल रो घोटो,
खाई मात फिरंगी मोटो,
धरती धोरां री !

ईं स्यूं नहीं माळयो न्यारो,
मोबी हरियाणो है प्यारो,
मिलतो तीन्यां रो उणियारो,
धरती धोरां री !

ईंडर पालनपूर है ई रा,
सागी जामण जाया बीरा,
अै तो टुकड़ा मरू रै जी रा,
धरती धोरां री !

सोरठ बंध्यो सारेठां लारै,
भेळप ंिसध आप हंकारै
मूमल बिसर्यो हेत चितारै,
धरती धोरां री !



ईं पर तनड़ो मनड़ो वारां,
ईं पर जीवण प्राण उंवारां,
ईं री धजा उड़ै गिगनारां,
मायड़ कोड़ां री !

ईं नै मोत्यां थाळ बधावां,
ईं री धूळ लिलाड़ लगावां,
ई रो मोटो भाग सरावां,
धरती धोरां री !

ईं रै सत रीे आण निभावां,
ईं रै पत नै नही लजावां,
ईं नै माथो भेंट चढ़ावां,
मायड़ कोड़ां री,
धरती धोरां री !