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धार चढ़ाना / बेई दाओ

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मैं सूर्योदय की नीमहोश रोशनी पर जब चाक़ू को धार चढ़ाता हूँ
पाता हूँ कि रीढ़ की धार तेज़ हो गई है
चाक़ू वैसा ही भोथरा है
सूरज दहकने लगता है

मुख्य रास्तों पर दौड़ती हुई भीड़
दुकानों की विशाल खिड़कियों में खड़े पेड़ हैं
सन्नाटे का गर्जन है
मैं देखता हूँ कि सुई उड़ रही है
ठूंठ के छल्लों के चारों ओर
धीरे-धीरे केंद्र की ओर बढ़ते हुए

अंग्रेजी भाषा से रूपांतरण : गीत चतुर्वेदी