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धावक / नरेश अग्रवाल
Kavita Kosh से
कुछ धावक दौड़ रहे हैं
हर बार पहले से तेज
उनमें से एक धावक
हमेशा पिछड़ जाता,
किसी तरह कोशिश करता
सबके साथ चले
लेकिन शरीर से मजबूर ।
पीछे कोच खड़ा है
हर बार हौसला बढ़ता हुआ
लेकिन जिसमें रस नहीं,
उससे रस कैसे निकाले
वह पिछड़ा हुआ धावक
सबसे अलग लगता है
लेकिन पीछा कर रहा है
इसका मतलब है,
वह हारा नहीं है अब तक
पूरी तरह शामिल है दौड़ में
हो सकता है, कल दिखाई दे
सबसे आगे
और बाकी धावक इसके पीछे ।