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धीरे-धीरे स्वर उठाओ / रवीन्द्र भ्रमर
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धीरे-धीरे स्वर उठाओ
कोई तार टूटे ना !
प्रीत बंसरी अमोल
पोर-पोर रिसे बोल
गीत हौले-हौले गाओ
कोई छन्द छूटे ना !
राग रँग रँगे गात
नैन ओट सारी बात
प्यार पलकों में छिपाओ
कोई भेद फूटे ना !
नाव न तो कूल गहे
औ’ न बीच धार बहे
पाल आधे से झुकाओ
कोई लहर रूठे ना !
कोई तार टूटे ना
धीरे-धीरे स्वर उठाओ ...