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नकल / सांवर दइया
Kavita Kosh से
दूजां रै
उठणै-बैठणै
बोलणै-चालणै री
नकल करतां-करतां
म्हैं आज भूलग्यो
कै म्हनै
किंयां उठणो-बैठणो
अर
बोलणो-चालणो चाईजै !