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नख-शिख / श्रृंगारहार / सुरेन्द्र झा ‘सुमन’
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चिकुर - चिकुर - निकर छुटि लटकि लट गोर कपोल छुबैछ
जनु तमाल तरु उतरि हरि राधा - अंग लगैछ।।1।।
सीमन्त - सघन श्याम कच निकर बिच सिन्दूरी सीमन्त
जनु गिरि - घाटी तट निकट वन, वन गैरिक पन्थ।।2।।
मुख छवि - मेघ घटा उमड़ल गगन अर्ध - चंद्र चमकैछ
तनल धनुष तर खंजनो पाँखि पसारि उड़ैछ।।3।।
सिकार - काम खेलाड़ी, अधर सर, नाकक सुघड़ मोहार
भृकुटिक वंसी तूल अछि लोचन मीन सिकार।।4।।