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नभ में बादल बरसने लगे / रंजना वर्मा

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नभ में बादल बरसने लगे ।
फूल खिल कर महकने लगे।।

फूल पर तितलियां आ गयीं
और भंवरे भी उड़ने लगे।।

प्यास धरती की जगने लगी
मेघ भी अब बरसने लगे।।

मिल गयी जब हवा की छुअन
ओस के बिंदु ढलने लगे।।

जब नजर से नजर मिल गयी
दिल के संपर्क जुड़ने लगे।।

काँप कर होठ जब रह गये
तीर नैनों के चलने लगे।।

नैन मुंदने लगे लाज से
बेतरह दिल धड़कने लगे।।