भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

नव जंगल टाइम्स / बालकृष्ण गर्ग

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

‘नव जंगल टाइम्स’ निकाला
     जानवरों ने पेपर,
कुत्ते – बिल्ली करें छिपाई
       चूहे कंपोजीटर।
हाकर बनकर बेंचें उसको
  कौए, मुर्गे, तितर,
चतुर कबूतर बने रिपोर्टर
  बंदर जी एडिटर।
             [साप्ताहिक हिंदुस्तान, 25 मार्च 1973]