भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
नाम दिया बिन घट अंदयारो / संत जूड़ीराम
Kavita Kosh से
नाम दिया बिन घट अंदयारो।
सन्त असन्त दृष्ट नहिं आवें मारग मोह अंध भ्रम भारी।
भूलौं आप आय जग मां ही ग्यान बिना गत सके न टारी।
बिन रवि किरन तिमिर नहिं भागत बिन सतसंग न जीव सुखारी।
जूड़ीराम सुरत कर सूधी बिन गुरु संध पंथ भयो भारी।