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नाश्ता / संतोष अलेक्स
Kavita Kosh से
डाइनिंग टेबुल पर
खाना रखा हुआ है
कुछ भी खा नहीं सकता
तीखा, मीठा और नमकीन
मेरे खिलाफ़
हडताल पर हैं
मेरा मित्र
आज इस दुनिया में नहीं है
जिसने कल मेरे साथ नाश्ता किया
कल सुबह
मेरे मित्र ने नाश्ते पर
बुलाया है
हड़ताल वालों को
किसी न किसी तरह चुप कराना है