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नीत रा फळ / निशान्त
Kavita Kosh से
इसै काळ में ई
बो मोड़ग्यौ
पीसा
जे बो नीं हुंवतो
रिस्तै में छोटो
म्हैं बीं रै
पगां लागतो
अचरज हुवै-
काळ में बीं कनै
कठै सूं बापरया
पीसा।