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न हो तो / केशव
Kavita Kosh से
न हो तो
तुम ही आओ
जलाओ
अपने हाथों से
मशाल
न हो तो
तुम ही बढ़ो
चढ़ो
दूर तक दिखाई देते
एक पहाड़ पर
न हो तो
तुम ही सुनो
बनो
डूबती हुई आवाज़ का
बयान
न
हो
तो
तुम ही लड़ो
गढ़ो
रोटी में गड़े चाकू की
तस्वीर