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परिवर्तन का नाम ज़िन्दगी / विनोद तिवारी

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परिवर्तन का नाम ज़िन्दगी
सबके साथ स्वयं भी बदलो

वही पुराना राग अलापा
अब अपना सरगम भी बदलो

घाव सूख जाएँगे जल्दी
पट्टी भी मरहम भी बदलो

अंत बदलना है पुस्तक का
तो अध्याय प्रथम भी बदलो

नई मंज़िलें पानी हैं तो
अपना जीवन-क्रम भी बदलो