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पहेली / साधना सिन्हा
Kavita Kosh से
रीता करने से
भर जाये
हो गई पहेली
भरने से
मन हल्का हो
कह देने से
गहरा जाए
कहते ही
फिर भर जाये
खिड़की
बन्द रखी
करने को निवात
अंदर के कोलाहल से
ऐसा आया झंझावात
टूटे
खिड़की, दरवाज़े
हुआ तभी
निर्वात ?