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पाँच शिशु कविताएँ / दीनदयाल शर्मा
Kavita Kosh से
मुर्गा
कुकडू कूँ
मुर्गे की बांग
आलस को
खूँटी पर टांग।
तोता
टिऊ-टिऊ
जब तोता बोला
पिंकी ने
पिंजरे को खोला।
मोर
पिकोक-पिकोक
बोला मोर
नहीं करेंगे
कभी भी शोर।
कबूतर
गुटर गूँ जब
करे कबूतर
प्रश्न हमारे
आपके उत्तर।
चिड़िया
चीं-चीं करके
चिड़िया चहकी
वातावरण में
ख़ुशबू महकी।