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पाठ / जयप्रकाश मानस
Kavita Kosh से
जूतों के नीचे भी आ सकती है
दुर्लंघ्य पर्वत की मदांध चोटी
परंतु इसके लिए ज़रूरी है-
पहाड़ों के भूगोल से कहीं ज़्यादा
हौसलों का इतिहास पढ़ना