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पिया कातिक कुमार / ऋतुरंग / अमरेन्द्र

पिया कातिक कुमार
सुध-बुध सब होन्हैं बिसराबै जेना
तोरोॅ पहिलोॅ टा प्यार।

ऐलोॅ छै कातिक ई नैहिरा-जनोॅ रङ
गमगम छै चम्पा ई हमरोॅ मनोॅ रङ
नैहिरे रोॅ चिट्ठी रङ शीतल बयार
पिया कातिक कुमार।

टुसटुस लाल अड़हुल बुझावै हेने कि
ललका रंग रेशमी पटोरी में काकी
देवरे रङ भौरा के सबटा व्यवहार
पिया कातिक कुमार।

रही-रही छेड़ै छै लट्टोॅ केॅ पछबा
पीवी केॅ मातलोॅ छै पौआ भर महुवा
देह-हाथ छूवै जों बड़का छिन्हार
पिया कातिक कुमार।

अइना रङ पोखर तेॅ काँचे रङ नद्दी
हरका रंग दुबड़ी के बिछलोॅ छै गद्दी
हेनोॅ दिन आवै छै कभियो कभार
पिया कातिक कुमार।