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पोती / हरीश हैरी
Kavita Kosh से
माऊ आखै साल
पीपळ में
घाल्यो पाणी
कुत्तियां नै देंवती
नित रोटी
गायां नै चरांवती
हरमेस हरयो नीरो
भोत रटती ठाकुरजी नै
भगवान राजी होय'र
पोती दे दीनी
दो साल री पोती
दादी री
आंख्यां बणगी!