भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
प्यार / मिंग दी
Kavita Kosh से
उनका कहना है
जब कोई तुम्हें
प्यार करता है
और पुकारता है
तुम्हारा नाम
तो उस पुकार की धुन
अलग होती है
एक ऐसे गीत की तरह
जिसे
तुम्हारा दिल ही
सुन पाता है
और तुम्हारी आत्मा ही
उस धुन को पहचानती है।