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फगत म्हैं अेकलो / इरशाद अज़ीज़
Kavita Kosh से
हिचकोळा खावती
बाळपणै री
बा कागज री नाव
हमेस आपरी ठौड़ पूगती
जद कदैई डूबण लागती
म्हारा जीसा
आपरै हाथां री पतवार सूं
पार लगा देंवता
अब जद कदैई
डूबण लागै
जीवण री नाव
आंख्यां रै मांय तूफान
तूफान मांय घिरी आ नाव
नाव मांय
फगत म्हैं अेकलो।