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फिर न कहना / विष्णु नागर
Kavita Kosh से
मुझे पेड़ पर चढ़ाया
और मैं उड़ गया
तो न कहना
यह तो आदमी था
यह उड़ कैसे गया ?
फिर न कहना
हमारा आदमी पेड़ से उड़ गया
हमीं ने चढ़ाया था उसे
मुझे पेड़ पर चढ़ाया
तो मैं उड़ जाऊंगा निश्चित
मेरे आदमी होने पर भरोसा न करते रहना
तब मैं साइबेरिया तक जा सकता हूँ उड़के ।