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बगीचे से गुलाब चुनने की रस्म / मुइसेर येनिया
Kavita Kosh से
(स्वप्न की नुकीली पेन्सिल
चित्र बना रही है
उसका
जो निकाल के
रख देगा
अपना हृदय)
मैं
कभी नहीं भूल पाऊँगी
वह रात
जब मैं
एक गुलाब की पँखुड़ी पर
सोई थी ।