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बणिगे डाम / धनेश कोठारी
Kavita Kosh से
1
बणिगे डाम
लगिगे घाम
प्वड़िगे डाम
मिलिगेन दाम
2
सिद्ध विद़द
खिद्वा गिद्ध
उतरिगेन लांकि मान
3
सैंन्वार खत्म
सीढ़ी शुरू
उकाळ उंदार
घुम कटै
4
जुल्म संघर्ष
हर्ष विमर्श
समैगे अब समौ
5
स्वाद स्याणि
तिलक छींटू
पाणि पाणि
हे राम
6
ब्याळी आज
आज भोळ
डुब डुब
मिलिगे दाम