Last modified on 9 अप्रैल 2013, at 18:19

बन्नी धीरे चलो ससुराल गलियाँ / हिन्दी लोकगीत

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बन्नी धीरे चलो ससुराल गलियाँ
बन्नी बेंदी सम्हारेगीं वही सखियाँ
जिनके गोरे गोरे गाल, रसीली अंखियाँ
जिनकी नरम कलाई, हरेरी चूड़ियाँ

बन्नी धीरे चलो ससुराल गलियाँ
बन्नी हरवा सम्हारेगीं वही सखियाँ
जिनके गोरे गोरे गाल, रसीली अंखियाँ
जिनकी नरम कलाई, हरेरी चूड़ियाँ

बन्नी धीरे चलो ससुराल गलियाँ
बन्नी कुंडल सम्हारेगीं वही सखियाँ
जिनके गोरे गोरे गाल, रसीली अंखियाँ
जिनकी नरम कलाई, हरेरी चूड़ियाँ

बन्नी धीरे चलो ससुराल गलियाँ
बन्नी चूनर सम्हारेगीं वही सखियाँ
जिनके गोरे गोरे गाल, रसीली अंखियाँ
जिनकी नरम कलाई, हरेरी चूड़ियाँ