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बरवा मरदा के दुई बहिनिया / भोजपुरी

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बरवा मरदा के दुई बहिनिया, दुनूँ बहिनियाँ के हइये नाहीं
धावल-धुपल गइले बढ़ई दोकनियाँ, काठे के गढ़ि देबे
राम दोहइया गढ़ि देबे, परमेसर किरिये गाढ़ि देबे।।१।।
पछिमे से आवे आगी-पानी, माटिन के ऊ त गलि गइले,
भाई-जरि गइले।।२।।
बरिअतिया मरदा के दुई बहिनियाँ, दुनू के त हइहे नाहीं
धावल-धुपल गइले कोंहरा देकनवाँ, माटिन के गढ़ि देबे।।३।।
उतरे से आइल बरखा बरसत, माटिन के गलि गइले,
भाई गलि गइले, माटिन के गलि गइले।।४।।
बरवा मरदा के दुई त बहिनियाँ, दुनू के त हइहे नाहीं,
परमेसर किरिये हइहे नाहीं।
राम दोहई गढ़ि देबे, राम दोहइया गढ़ि देबे, परमेसर किरिये गढ़ि रे।।५।।
पूरुबे से आवे आँधी-पानी, कागज के उ त उड़ि गइले
परमेसर किरिये उड़ि गइले, राम दोहइया उड़ि गइले।।६।।