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बर्बरता / मणि मोहन
Kavita Kosh से
यह सिर्फ़
देह से शुरु होकर
देह पर ख़त्म होने वाला
मसला नहीं है --
यह किसी के मन के साथ
मनमानी है
अपनी मेडिकल-रिपोर्ट में
कभी नहीं लिखा किसी डॉक्टर ने
की अन्तरात्मा में कहीं गहरे तक
धंंसी हुई मिली उसे
कोई ज़ंग खाई कील
या फिर
किसी जूते की नोक
यह
सिर्फ देह का मसला नहीं है ।