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बहारों की तरह आओ तो जानें / नफ़ीस परवेज़
Kavita Kosh से
बहारों की तरह आओ तो जानें
दिलों में फूल महकाओ तो जानें
हमारी हर खुशी में साथ थे तुम
ग़मों में साथ चल पाओ तो जानें
गुलों को ख़ूब सीने से लगाया
कभी काँटों को सहलाओ तो जानें
लिए जो फिर रहे हो आइने तुम
कभी ख़ुद भी नज़र आओ तो जानें
सभी सच्चाई का परचम लिए हैं
है झूठा कौन लिख पाओ तो जानें
हमारे दिल को बहला तो रहे हो
ज़रा ख़ुद को भी समझाओ तो जानें
हमें मालूम है इक दिन है मरना
ये जीना क्या है बतलाओ तो जानें