भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बहुत हुआ-2 / सुधीर मोता
Kavita Kosh से
घंटी बजती है
शाला में
तब होता है
पाठ शुरू
घर जाने की
घंटी बजती
क्या पूर्ण पाठ
तब होता है
एक घंटी
घर के पाठ शुरू
एक घंटी घर से
बाहर के
शुरू ख़त्म के
इन पाठों से
कोई न सीखा
बहुत हुआ।