बाजै छै बीन / भाग-7 / सान्त्वना साह
मैना रानी
सुन-सुन-सुन, मैना रानी सुन
गुन-गुन-गुन, भँवरा गुन-गुन
उड़-उड़-उड़ तितली उड़-उड़
गुड़-गुड़-गुड़, पेट गुड़-गुड़
धुन-धुन-धुन, रूइया धुन
तुन-तुन-तुन, इकतारा सुन
झुन-झुन-झुन, पायल झुन
मुन-मुन-मुन, अँखिया मुन।
चम्पा रानी
चम्पा रानी
चतुर सयानी
दिन-दुपहयिा
चद्दर तानी
रूसै छै रानी
झरै छै पानी
केला के खानी
सतुआ सानी
खाय सयानी
चम्पा रानी।
गुल्ली-डंडा
बिरजू के बदमासी सेॅ
बच्चा-बुतरू तंग
पढ़वोॅ-लिखवोॅ तंग
पढ़वोॅ-लिखवोॅ छोड़ी केॅ
देखै छै पतंग
ही-ही दाँत निपोड़ी केॅ
हाँसै मोॅन मतंग
गुल्ली-डंडा खेलै में
रहै छै मगन।
सीकोॅ
छपरी में सीकोॅ
सीकोॅ पर दही
चाखै छै राजा
मुन्हा चढ़ी
दादी करै बक-बक
ऐंगना खड़ी
मम्मी देखावै छै
पातरोॅ छड़ी।
परसाद
धरती डोललौ राते-रात
झुलवा गिरलै साथे-साथ
चिड़िया उड़लौ होतैं परात
मुरगी बोललै सुरूजे साथ
टिक-टिक घंटी बाजलौ सात
मंदिर जाय केॅ ले परसाद।
कटेली चम्पा
चम्पा कटेली
ठाड़ी अकेली
खोजै सहेली
मिसरी घोली
सुन्दर बोली
हँसी-ठिठोली
रंग-रंगोली
चन्दन रोली।
मखना
मखना चढ़लै गाछी पर
माछी लगलै नाकी पर
लोर टपकलै ठोरोॅ पर
जी भुतियैलै गोड़ोॅ पर
ऐलै जोगवारोॅ मोड़ोॅ पर
मखना गिरलै लारोॅ पर।
सात दिन
टेबुल केॅ चार टांग
टूलोॅ केॅ तीन
बोल मुनिया कत्ते होलै?
चार आरो तीन?
सात बोली खुश होलै
मुनिया हौ दिन
सप्ताह में सात दिन
औंगरी पर गिन।
वर देॅ मैया सरस्वती
वर देॅ हे मैया सरस्वती
कर जोड़ि करै छी विनती
वको ध्यान के देॅ वरदान
चंचल चित पर हुवेॅ कमान
निडर बनौं हम्में सिंह समान
बल, बुद्धि, विद्या, गुणों के खान
विद्यादायिनी, पुस्तक धारिणी
हंस वाहिनी, कमल आसिनी
वीणा वादिनी, अवगुण हारिणी
जीवन दायिनी, सागर तारिणी
वेद-पुराण करौं बखान
अरज करै छी देॅ वरदान
रहोॅ कलम में विराजमान
जिह्वा सदा करेॅ गुणगान
हरोॅ अज्ञान, करोॅ कल्याण
बनी देखैभौं हमु महान।
नरुआ
नरुआ के टाली पर
गहुँमोॅ के बाली पर
टुटलोॅ देवाली पर
ठुनकै लहारी पर
कानै सवाली पर
बांधै रूमाली पर
फीता गुलाबी पर
तितली के ताली पर
बुतरू निहाली पर
हाँसै नवाबी पर।