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बात किसी ने ख़ूब कही है / हरि फ़ैज़ाबादी
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बात किसी ने ख़ूब कही है
उसके घर भी एक बही है
दुनिया बदल गयी है लेकिन
वहाँ आज भी बात वही है
स्वर्ग देखना है तो मरिये
क़ुदरत का दस्तूर यही है
गाँव देखकर लगा नगर में
सपना काहे दूध-दही है
काश समझ लें बच्चे ख़ुद ही
माँ उनसे क्या माँग रही है