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बादल तेॅ छै / अशोक शुभदर्शी
Kavita Kosh से
बारिश हुअेॅ नै हुअेॅ
बादल तेॅ छै
बिजली हुअेॅ नै हुअेॅ
तार-खंभा तेॅ छै
पढ़ाई हुअेॅ नै हुअेॅ
स्कूल तेॅ छै
सुरक्षा हुअॅे नै हुअेॅ
पुलिस तेॅ छै
राशन मिलेॅ नै मिलेॅ
राशन कार्ड तेॅ छै
इलाज हुअॅे नै हुअेॅ
अस्पताल तेॅ छै
फाइल निपटॅे नै निपटेॅ
अफसर तेॅ छै
बात करेॅ नै करेॅ
पड़ोसी तेॅ छै
देखाय पड़ेॅ नै पड़ेॅ कुछ्छु
आँख तेॅ छै।