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बान्ह नैं टूटै हे भगमान / दिनेश बाबा
Kavita Kosh से
नहीं पड़ै छै पानी जहिया
धूल उड़ैनें चलै दुपहिया
बलरामों के साथ कन्हैया
वहीं चराबै बरदा गैया
पानी दै देॅ हे भगमान
सब देवोॅ सें करै मनान
पानी तबेॅ बरसलै खूब
खेत-पथार सरसलै खूब
काका गेलै पिन्हीं केॅ कच्छी
मारी आनलक ढेरे मच्छी
बान्ह में पानी डल्लम-डल
देखै लेॅ चलबें तेॅ चल
लगलै सभेॅ बचाबै में
चेंगड़ा शोर मचाबै में
बान्ह नै टूटै हे भगवान
तोहीं बचहियो सब रोॅ जान।