Last modified on 20 मार्च 2011, at 00:39

बाप-माँ से मुझे छीन लोगे / ठाकुरप्रसाद सिंह

बाप-माँ से मुझे छीन लोगे
क्या मुझे प्यार उतना ही दोगे ?

तुम भरोसा करो प्राण मेरा
प्यार मेरा कि है प्यार मेरा

मैं तुम्हें प्यार दूंगा अनोखा
है न पाया किसी ने, न देखा

तुम मेरी, हम तुम्हारे ही होंगे
'तीरी-पुरुष दुलाड़ तीरे-जूगे'