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बाहर / नवनीत पाण्डे
Kavita Kosh से
अगर रखोगे खुले हमेशा
दरवाज़े और खिड़कियां
कैसे बचा पाओगे गर्द से धुंधलाता
घर का आईना
बच्चा अंगुली पकड़कर
आना चाहता है घर से बाहर
तुम्हारे ही साथ पहली बार
क्या तुम दिखा सकते हो इसे?
पूरी ईमानदारी से
जैसा है तुम्हारा बाहर
पहली बार