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बिजली दीदी / प्रकाश मनु
Kavita Kosh से
बिजली आई अभी-अभी थी
और अभी से चली गई,
बिजली आई भला कहाँ से
और किधर को निकल गई?
समझ न आतीं ये सब बातें
बिजली दीदी, तुम समझाओ,
ऐसा कभी न हो सकता क्या
तुम आओ, पर कभी न जाओ!
हीटर, कूलर, एसी, गीजर
या फिर टीवी या कंप्यूटर,
सब करते हैं तुमको याद
तुमसे ही यह दुनिया सुंदर!