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बिल्ली, बिल्ला आरो मुसबा / दिनेश बाबा
Kavita Kosh से
बिल्ली आरो मुसवा छै
दोनों ही घरघुसवा छै
बड़ोॅ बड़ोॅ दोन्हूं के दाँत
मतर बिलैया मारै काँत
बड़ोॅ बड़ोॅ दोन्हूं के मूँछ
आरोॅ लम्बा लम्बा पूँछ
मुसबा के दिल डोलै छै
जब बिल्ली म्यांऊ बोलै छै
सौंसे रात करै छै तंग
नीन करै छै दोन्हूं भंग
लगै जना खेलै किरकेट
मूस गेंद, बिल्ली छै बैट
चीं-चीं, चूं-चूं सुनी केॅ लगथौं
कानों में कांेची लौ रूईया
पकड़ै के कोशिश में कहियो
ऐथौं नैं पकड़ै में चुहिया