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बुद्धिहर्ता / शील
Kavita Kosh से
अशरीरी ईश्वर का फ़रिश्ता —
धर्म ...
पाखण्डों को महिमा-मण्डित
पाखण्डियों को मालामाल करता,
ग़रीब-जन की रोटी छीनता,
कलह के बीज बोता —
आदमी की बुद्धि हर लेता है ।
—
26 दिसम्बर 1987