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बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना / शैलेन्द्र
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बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना
ऐसे मनमौजी को मुश्किल है समझाना - है ना
बेगानी शादी में ...
दुल्हन बनूँगी मैं, डोली चढ़ूँगी मैं
दूर कहीं बालम के, दिल में रहूँगी मैं
तुम तो पराए हो, यूँ ही ललचाए हो
जाने किस दुनिया से, जाने क्यूँ आए हो
बेगानी शादी में ...
लहराती जाऊँ मैं, बल खाती जाऊँ मैं
खड़ी-खड़ी रस्ते में, पायल बजाऊँ मैं
पलकें बिछाऊँ मैं, दिल में बुलाऊँ मैं
समझे न कुछ भी वो, कैसे समझाऊँ मैं
बेगानी शादी में ...
बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना
दिल की इन बातों को मुश्किल है समझाना
अपना बेगाना कौन, जाना अनजाना कौन
अपने दिल से पूछो, दिल को पहचाना कौन
पल में लुट जाता है, यूँ ही बह जाता है
शादी किसी की हो, अपना दिल गाता है
बेगानी शादी में ...