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बोलना / एकांत श्रीवास्तव

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बोले हम
पहली बार
अपने दुःखों को जुबान देते हुए
जैसे जन्‍म के तत्‍काल बाद
बोलता है बच्‍चा

पत्‍‍थर हिल उठे
कि बोले हम
सदियों के गूंगे लोग

पहली बार
हमने जाना
बोलना

हमें लगा
हम अभी-अभी पैदा हुए हैं.