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भगवान का रूप / सांवर दइया

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एक सपना होता है
बच्चे की आंख में
दोस्तों के संग
वह खेलते-खेलते बनाता है
रेत का घर

खुद बना कर
खुद ही ढाहता है

सच कहती है मां-
बच्चे भगवान का रूप होते हैं !
 

अनुवाद : नीरज दइया